यूपी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष बचे हैं ऐसे में सियासी सरगर्मी तेज हैं। सभी पार्टी के राजनेता यूपी चुनाव को लेकर अपनी कमर कसते नजर आ रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंचे हैं। संजय सिंह और अखिलेश यादव की मुलाकात जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट ऑफिस में हो रही है। दोनों के बीच बैठक चल रही है। अचानक दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि संजय सिंह का कहना है कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। वहीं सियासी गलियारों में इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है।
कई मायनों में अगर देखा जाए तो उत्तर प्रदेश का चुनाव बहुत ही खास होता है एक ओर जहां यहां धार्मिक और जातिगत की राजनीति होती है तो वहीं दूसरी ओर हिंदू मुस्लिम ओबीसी और एसटी एससी और क्षत्रियों के बीच आपसी घमासान भी चुनाव में अपनी मुख्य भूमिका निभाता है। ऐसे में अखिलेश यादव से की गई संजय सिंह की मुलाकात को लेकर अब यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि शायद आम आदमी पार्टी किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन कर यूपी चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की पहल कर चुकी है।
बता दें आप के सांसद संजय सिंह यूपी के प्रभारी हैं। आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी सक्रियता बढ़ाने में लगातार जुटी हुई है। किसान आंदोलन से लेकर राम मंदिर के मसले पर आप नेता संजय सिंह ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था। आम आदमी पार्टी ने राम मंदिर जमीन खरीद में हुए घोटाले में भाजपा के मेयर, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत नौ लोगों के खिलाफ अयोध्या की नगर कोतवाली तहरीर देकर सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर करने की मांग भी की थी। दरअसल, अभी हाल ही में संपन्न हुए यूपी के पंचायत चुनाव में जिस तरह के परिणाम आए हैं उससे समाजवादी पार्टी उत्साहित है। वहीं, आम आदमी पार्टी भी यूपी में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
अगर ऐसे में कहीं आम आदमी पार्टी को अखिलेश यादव की पार्टी का साथ मिल जाता है तो या भाजपा के लिए एक कड़ी चुनौती से कम नहीं होगी क्योंकि कहीं ना कहीं यूपी में धार्मिक राजनीति को लेकर लोगों के मन में एक आक्रोश योगी सरकार के लिए पनप रहा है। आप और सपा के बीच यूपी चुनाव में एक और समीकरण की सुगबुगाहट नजर आ रही है सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश के मतदाता बनते हैं, तो वह भी यूपी के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
अब आने वाला साल की बताएगा की योगी आदित्यनाथ के लिए 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कौन खतरे की घंटी साबित होता है। क्योंकि देश की राजनीति उत्तर प्रदेश से ही तय होती है