उत्तर प्रदेश – 03/03/2022 –
उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बहुत ही रोमांचक स्थिति में पहुंच गया है। अब तक के हुए मतदान में स्वराज मिशन के सर्वे के अनुसार यूपी में भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर है। यूपी के मतदाताओं के अनुसार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब तक भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर है लेकिन आख़िरी दो चरणों के मतदान निर्णायक सिद्ध होंगे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदान, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजों में निर्णायक साबित होने का अनुमान है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन से उनकी नाराजगी का असर सीधे तौर पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाला है और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदरूनी भीतरघात के का नुकसान हो रहा है।
काँग्रेस पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के कारण वोटों का बंटवारा तय है। कांग्रेस के सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के उतारने से सीधे तौर पर भाजपा को नुकसान है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी का अंदरूनी तरीके से भाजपा को समर्थन, भाजपा के लिए राहत भरी खबर है। लेकिन ब्राह्मणों की नाराजगी भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाली है।
मुस्लिम वोट कांग्रेस, सपा और बसपा में बंट गए हैं लेकिन कुछ मुस्लिम वोट भाजपा को भी मिलना तय है। साथ ही एमआईएम के असउद्दीन ओवैसी भी मुस्लिम वोटों में सेंधमारी जरूर कर पाएंगे। दलित वोट भी बसपा के साथ ही राजभर और चंद्रशेखर की पार्टी में बटेंगे जिससे बसपा को नुकसान होगा।
कुल मिलाकर यूपी में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। मतलब साफ है कि भाजपा या सपा की सरकार बिना गठबंधन के नहीं बन सकती है। बसपा, भाजपा को समर्थन देगी और काँग्रेस, समाजवादी पार्टी को। छोटे छोटे राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों का इस बार बोल बाला नजर आएगा।
मुमकिन है कि 10 मार्च के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों के आने के बाद से विधायकों की खरीद फरोख्त और उनकी नज़रबंदी की खबरें देखने को मिलेंगी।