रायपुर। 15 जुलाई 2021 –
प्रभु के सानिध्य में आकर केवल सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करना और प्रभु का सेवक बन पद में बैठकर सिर्फ अवैध कार्यों में लिप्त रहना दोनों ही कृत्यों में जमीन आसमान का अंतर है।
कुछ ऐसा ही कारनामा रहे हैं रॉबर्ट अली, जिन्होंने बिशप पद को अपने अवैध कार्यों को फलीभूत करने के लिए ही भुनाया है। अपने स्वार्थ में रॉबर्ट अली इस हद तक मशगूल हो गए कि उन्होंने ईश्वर के मंदिर को भी अपने व्यवसाय का जरिया बना लिया! लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उनके इस कुकर्मों पर लगाम लगाने के बजाय कुछ लोग चाटुकारिता करने पर उतारू हैं।
बहरहाल रॉबर्ट अली के इन कारनामों से तो सब अवगत हैं। लेकिन इस बार रॉबर्ट अली ने अपने सारे जघन्य कृत्य की हदें पार कर दी हैं। बिशप के पद से मुक्त होने के बाद भी रॉबर्ट अली का पद का मोह अब तक छूट नहीं पाया है या ऐसा भी हो सकता है कि उनको उच्च अधिकारी और एग्जीक्यूटिव कमेटी के लोगों का मौन समर्थन प्राप्त है जिसके चलते ही रॉबर्ट अली खुद को स्कूल का मालिक समझते हुए शालेम स्कूल के प्राचार्य के बंगले पर अवैध कब्जा कर पीछे वाले हिस्से में चोरी-छिपे बिजली टाइल्स का कार्य करवा रहे थे।
पते की बात तो यह है कि रॉबर्ट अली ने बिना यूसीएनआईटीए के परमिशन के ही इतना बड़ा कदम उठा लिया। अब इस तरह से जोखिम वही व्यक्ति उठा सकते हैं जो खुद आपराधिक कृत्यों में लिप्त हो या फिर जिनका बड़े बड़े गुंडे बदमाशों या अवैध कार्यों में लिप्त लोगों से पहचान हो किसी भी सूरत में रॉबर्ट अली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गए।
हालांकि हर बार की तरह इस बार भी इनके इस कृत्य में लिप्त सहयोगी इनके इस बुराई में इनका साथ दे रहे है और इस बार भी कुछ लोगों को छोड़ बाकी सामाजिक लोग बिना इसका विरोध करें रॉबर्ट अली के हौसलों को और बुलंद कर रहे है।
वहीं सुत्रों की माने तो भोपाल में भी रॉबर्ट अली का कारनामा कुछ इसी तरह था वहां भी यह जगहों पर अवैध कब्जा कर कब्जा छोड़ने के लिए लोगों से पैसा वसूला करते थे।
बहरहाल जब यूसीएनआईटीए को इस बात का पता चला तो उन्होंने इस पर आपत्ति भी जताई, बावजूद इसके रॉबर्ट चली इनके नाक के नीचे दिन भर बंगले में टाइल्स और बिजली का काम करवाते रहे और आज भी दिन भर लगातार अवैध कब्जे किए गए जगह में बिजली टाइल्स का कार्य बदस्तूर जारी था।
लेकिन जैसे ही सामाजिक व्यक्ति यशराज सिंह और नितिन लॉरेंस को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत ही रॉबर्ट अली के इस गलत अपराधिक कारनामे के विरुद्ध आवाज उठाते हुए इसकी शिकायत तहसीलदार से की, जिसके बाद तहसीलदार ने रॉबर्ट अली द्वारा करवाए जा रहे इस अवैध कब्जे में स्टे लगा दिया है।
अब देखना यह होगा कि अपनी मनमर्जी में चलने वाला रॉबर्ट अली जो अपने मॉडरेटर को भी अपनी उंगली नचाने का दावा करते है उस पर इस स्टे का कोई असर होता है या फिर तहसीलदार के इस आदेश को भी धता बताकर वह अपने इस अवैध कार्य को फलीभूत करते हैं।