भारत में लोकसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन ने दो चरणों में हुए मतदान का सटीक आंकड़ा जारी किया है।
देश में चल रहे आम चुनावों के प्रथम चरण के मतदान के दस दिन से ज्यादा और द्वितीय चरण के मतदान के चार दिन बाद चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को दो दौर का मतदान का डेटा जारी किया है। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 66.14% और द्वितीय चरण में 66.7% मतदान हुआ। वोटिंग के डेटा में हुई देरी को लेकर लगातार विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं।
शिवसेना (UBT) के नेता आंनद दूबे ने कहा कि चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि चुनाव के प्रथम और द्वितीय चरण में 66% मतदान हुआ। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को वोटिंग का डेटा जारी करने में करीब 10 दिन का समय लग गया। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के पहले और दूसरे चरण के बाद मीडिया ने कहा कि 60% मतदान हुआ था, अब 66% है। यह सब क्या हो रहा है।
सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा के केंद्र में सत्ता संभालने से पहले यह डेटा आसानी से उपलब्ध हो जाता था। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि यह बहुत परेशान करने वाला है। नतीजों में हेरफेर पर गंभीर आशंकाएं पैदा करता है। ईसीआई ने पहले दो चरणों के अंतिम मतदान आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। केवल अनुमानित मतदान प्रतिशत ही सामने रखे गए हैं। किसी संसदीय क्षेत्र में रजिस्टर कुल मतदाता ईसीआई वेबसाइट पर नहीं हैं।
सुप्रिया सुले ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और लोकतंत्र की नींव सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग के लिए अनुचित दबाव झेलने, अपने अधिकार का दावा करने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इन चुनावों में निष्पक्षता और जवाबदेही के सिद्धांतों को बनाए रखने का समय है। 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को दस दिन से अधिक हो गए हैं, फिर भी चुनाव आयोग आधिकारिक तौर पर अंतिम मतदान के आंकड़ों का खुलासा करने में विफल रहा है। इसी तरह 26 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए भी चुनाव आयोग ने अभी तक अंतिम आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
भाजपा पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और चुनाव आयोग पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव चिंताजनक और स्पष्ट रूप से लापरवाही के साथ सामने आ रहे हैं, जबकि हर दिन भाजपा के नेताओं द्वारा आचार संहिता का मजाक बनाया जाता है। चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किए बिना, भाजपा समाज के विभिन्न वर्गों के खिलाफ खुलेआम अभूतपूर्व घृणास्पद बयानबाजी कर रही है।