तेंदुआ, शिवनारायण, छत्तीसगढ़ –
21 जनवरी 2023 –
भारत वर्ष अपनी संस्कृति, सभ्यता और अपने सनातन धर्म के लिए विश्व विख्यात है। भारत की इसी सम्पदा को लूटने के लिए निरंतर आक्रांताओं ने आक्रमण किया लेकिन फिर भी भारत की अखंडता को खंडित ना कर पाए। भारत की इस अखंडता का एक मात्र आधार है, हमारा सनातन धर्म और हमारी परम्परा।
इसी परम्परा को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी डॉ अशोक हरिवंश ने।
डॉ अशोक हरिवंश (भैया जी) जिनका आधिकारिक नाम है, डॉ अशोक चतुर्वेदी, जो कि पेशे से एक सरकारी प्रशासनिक अधिकारी हैं। आध्यात्मिक परिवार में पैदा होने के कारण अशोक भैयाजी बचपन से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के हैं। उनका सनातन धर्म के प्रति समर्पण और प्रभु श्रीराम से लगाव इतना प्रगौण है कि उन्होंने सालों तक श्रीरामचरितमानस पर शोध किया और इस शोध का निचोड़ निकाला, “राम मिलेंगे“। राम मिलेंगे एक ऐसा प्रकल्प है जिसमें प्रभु श्रीराम के चरित्र के अद्भुत विवरण की श्रंखला है। इसमें प्रभु श्रीराम के जीवन काल में अलग अलग पात्रों से उनके मिलन और उनसे सम्बन्धों का विस्तृत चित्रण, चिंतन, विवरण और दर्शन समाहित है।
“राम मिलेंगे” के व्यापक रूप से विस्तार के लिए श्री राघव सेवा समिति का गठन किया गया है। राघव सेवा समिति द्वारा ही छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण के ग्राम तेंदुआ में एक आश्रम का निर्माण किया जा रहा है जहाँ राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है जिसका भूमिपूजन पद्म विभूषण जगतगुरु श्री राम भद्राचार्य के कर कमलों द्वारा दिनाँक 22 जनवरी 2023 को किया जाएगा।
आज की युवा पीढ़ी के मार्गदर्शक, कथा वाचक डॉ अशोक हरिवंश (भैयाजी) द्वारा शिवरीनारायण के ग्राम तेंदुआ में दिनाँक 19 जनवरी 2023 से “हनुमंत के राम” पर विस्तार से कथा आरंभ की गई है जोकि 23 जनवरी 2023 तक चलेगी। इस कथा में श्री राम और हनुमान जी के मिलन को अद्भुत रुप से दर्शाया गया है। इसी समय परिधि में 22 जनवरी 2023 को श्रोताओं को जगतगुरु पद्म विभूषण जगतगुरु श्री राम भद्राचार्य के श्रीमुख से भी हनुमान जी पर प्रवचन को सुनने का अतुलनीय सौभाग्य प्राप्त होगा।
स्वराज मिशन को डॉ अशोक हरिवंश ने बताया कि उनकी यह कथाएं निःशुल्क होती हैं और आजीवन निःशुल्क ही रहेंगी। उन्होंने कहा कि तेंदुआ धाम में बनने वाला यह आश्रम पूरे विश्व के लिए समर्पित है। यह आश्रम आम लोगों के साथ ही संत समाज व किन्नरों के लिए सदैव खुला है। यहां राम भद्राचार्य परिसर व गीता परिसर का निर्माण किया जा रहा है जिसमें सरयू, सरस्वती, यमुना और गंगा कुटीर बनाई जा रही है। यहां एक तालाब भी है जहां साधु संतों और किन्नरों की साधना के लिए साधना स्थल का निर्माण किया जा रहा है। यहां ऐसी बहुत सी रोचक रचनाओं की संरचना हो रही हैं जो सदैव जनहित के लिए लाभदायी होंगी। यहां बेटियों के विवाह के लिए निःशुल्क जगह का प्रावधान किया गया है। ‘सीता रसोई‘ के नाम पर यहां सभी के लिए अमृत प्रसादी की व्यवस्था भी की जाएगी।
पद्म विभूषण जगतगुरु श्री राम भद्राचार्य के कृपापात्र शिष्य भैयाजी(डॉ अशोक हरिवंश चतुर्वेदी) ने कहा कि “मैंने मेरा जीवन और यह तेंदुआ धाम आश्रम सदा सदा के लिए श्री राघव, आध्यात्मिकता और जनता के लिए समर्पित कर दिया है।”
भैयाजी ने करोड़ों रुपयों की अपनी निजी जमीन को श्री राम मंदिर व आश्रम निर्माण के लिए श्री राघव सेवा समिति को दान में दे दी है। श्री हरिवंश और श्रीमती दुर्गा चतुर्वेदी के सुपुत्र डॉ अशोक हरिवंश जैसे लोग आज के इस कलयुग में समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।