सूर्यग्रहण को लेकर बहुत सी धारणाएं हैं
सूर्य ग्रहण को लेकर बहुत से धारणाएं और मान्यताएं हैं विज्ञान के अनुसार भी यह होता है और आध्यात्मिक के अनुसार भी यह होता है। इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारे में बहुत से लोगों को बहुत सी जानकारियां हैं। ऐसा ही सूर्य ग्रहण इस वर्ष, इसी माह, दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला है। नीलकंठ महाराज के अनुसार आइए जानते हैं कि इस वर्ष लगने वाले सूर्य ग्रहण की क्या अवधि है, कब तक यह सूर्य ग्रहण चलेगा, क्या होंगे इसके प्रभाव व दुष्प्रभाव और किन लोगों पर इसका अधिक असर हो सकता है.।
कैसे लगता है सूर्य को ग्रहण
जब चंद्रमा, पृथ्वी व सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है, उस समय पृथ्वी से देखने पर हमें सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। ऐसा प्रायः अमावस्या के दिन होता है। लेकिन जब चंद्रमा की स्थिति सूर्य और पृथ्वी को मिलाने वाली सरल रेखा के समीप होती है तब आंशिक ग्रहण होता है।
किस समय लगने वाला है सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण देश के कई भागों में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व के साथ साथ ज्योतिषीय महत्व भी है। आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर को सायंकाल 04:40 बजे से 05:24 बजे तक रहेगा। सूर्यास्त का समय सायंकाल 05:27 बजे है। इसलिए ग्रहण की अवधि 47 मिनट तक रहेगी। इस आंशिक सूर्य ग्रहण का परिमाण 36 प्रतिशत होगा।
क्या विशेष ध्यान रखें
वैसे तो सूर्य ग्रहण के समय से 12 घंटे पहले तक सूतक लग जाता है और उसी प्रकार चंद्रग्रहण के पहले 9 घंटों तक सूतक लगा रहता है। सूतक के दौरान किसी भी मनुष्य को कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। सूतक से पूर्व ही अपने दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान आदि करने के पश्चात भोजन ग्रहण करें और जितना हो सके सूतक में भोजन ना करें। सूतक खत्म होने के बाद आप सामान्य दिनचर्या का निर्वहन कर सकते हैं। चुंकि सूर्य ग्रहण का असर सबसे ज्यादा बीमार व्यक्ति, बुजुर्ग व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं पर होता है। इसीलिए इन लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वैसे सूर्य ग्रहण से कोई बहुत बड़ा अनिष्ट नहीं होता है। केवल सूर्य देव की उपासना करें और जितना हो सके सूतक से ग्रहण तक शुभ कार्य और कोई विशेष कार्य को ना करें।